8th Pay Commission New Update: आयोग के गठन से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के बीच यह खबर काफी चर्चा का विषय है लंबे समय से 8वें वेतन आयोग का इंतजार चल रहा है उसके लिए सरकार अब नया कदम उठा सकती है बता दें पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक बड़ा खुलासा 8वें वेतन आयोग को लेकर किया है उनका कहना है कि इस बार केंद्र सरकार आठवां वेतन आयोग गठित करने से बच सकती है और इसके बजाय कर्मचारियों की सैलरी सीधे बढ़ाने की घोषणा कर सकती है।
बिना 8वें वेतन आयोग के ही बढ़ सकती है सैलरी
बता दें हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है इसके बाद कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी देखने को मिलती है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार सरकार नई नीति अपना सकती है इसका सीधा सा मतलब यह होगा कि अब वेतन वृद्धि के लिए आयोग की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना होगा बल्कि सरकार खुद ही तय प्रतिशत के आधार पर वेतन बढ़ाने का ऐलान कर सकती है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार 10% से लेकर 15% तक कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का ऐलान कर सकती है जिससे कर्मचारियों को लंबे इंतजार से बड़ी राहत मिल सकती है।
वेतन पर जल्द होंगे फैसले प्रक्रिया भी होगी सरल
अगर सरकार इस नई योजना को अपनाती है तो कर्मचारियों के हित में होने वाले फैसलों में काफी तेजी देखने को मिलेगी साथ ही आसान तरीके से फैसला भी लिए जा सकेंगे पारंपरिक वेतन आयोग गठित करने की प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता है वहीं सरकार अब सीधे कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करके बड़ा समय बचा सकती है सरकार के इस फैसले से करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को समय का लाभ हो सकता है यह भी उम्मीद की जा रही है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चल रहा है तो सरकार 1 जनवरी 2026 से नई वेतन वृद्धि लागू करने की घोषणा कर सकती है।
दिवाली से पहले कर्मचारियों को मिल सकती है खुशखबरी
सरकार की यह योजना लागू होने के बाद न केवल वेतन वृद्धि में तेजी देखने को मिलेगी इसके साथ-साथ करोड़ों कर्मचारियों के लिए दिवाली का तोहफा मिल सकता है कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं अगर सरकार नई योजना की घोषणा करती है तो 8वें वेतन आयोग का गठन न करने और सीधे वेतन वृद्धि की घोषणा करने की सरकार की यह संभावित योजना करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव साबित होने वाली है आने वाले दिनों में इस पर अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जा सकता है जिस पर अब सभी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हुई हैं कि सरकार कब निर्णय लेती है।