1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले आठवें वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा बदलाव संभव है अब तक यह माना जा रहा था कि उस समय तक जमा हुआ पूरा महंगाई भत्ता यानी DA जो लगभग 60 से 61 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है बेसिक पे में जोड़ दिया जाएगा लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार पूरा DA नहीं बल्कि केवल 50 प्रतिशत DA को ही बेसिक सैलरी में मर्ज करने की योजना बना रही है अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों की सैलरी की पूरी गणना बदल जाएगी।
क्यों नहीं होगा पूरा DA मर्ज
सरकार पर पहले से ही राजकोषीय दबाव है अगर पूरा 61 प्रतिशत DA बेसिक पे में जोड़ा गया तो न केवल बेसिक सैलरी बढ़ेगी बल्कि उसके साथ HRA और TA जैसे भत्ते भी बढ़ जाएंगे इससे सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ पड़ेगा इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सरकार 50 प्रतिशत DA मर्ज करने का ही विकल्प चुनेगी यह वही नियम है जो पहले भी लागू रहा है जब भी DA 50 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचता है उसे बेसिक में शामिल किया जाता है।
कर्मचारियों की उम्मीद और नया ट्विस्ट
कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि जनवरी 2026 तक उनका DA करीब 61 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा और उतना ही हिस्सा बेसिक में मर्ज होगा लेकिन सूत्रों के मुताबिक केवल 50 प्रतिशत ही मर्ज होगा इसका मतलब यह है कि आपकी रिवाइज्ड बेसिक पे पहले की अपेक्षा कुछ कम बढ़ेगी।
आपकी जेब पर कितना असर पड़ेगा
इसे एक उदाहरण से समझिए अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी पचास हजार रुपये है और 61 प्रतिशत DA मर्ज किया जाता है तो नई बेसिक अस्सी हजार पांच सौ रुपये होगी लेकिन अगर केवल 50 प्रतिशत DA मर्ज होता है तो नई बेसिक पचहत्तर हजार रुपये बनेगी यानी सैलरी में सीधा पांच हजार पांच सौ रुपये का फर्क दिखाई देगा बाद में फिटमेंट फैक्टर लगने पर यह अंतर और बढ़ सकता है।
बेस ईयर बदलने की तैयारी
महंगाई भत्ते की गणना के लिए आधार वर्ष यानी बेस ईयर अभी 2016 बराबर 100 है विशेषज्ञों के अनुसार सरकार आठवें वेतन आयोग के साथ इसे बदलकर 2026 बराबर 100 कर सकती है इसका मतलब होगा कि महंगाई का नया हिसाब एकदम शुरू से शुरू होगा यानी DA फिर से शून्य प्रतिशत से गिना जाएगा इस बदलाव से सरकार यह कह सकती है कि 61 प्रतिशत DA मर्ज करने की जरूरत नहीं है क्योंकि नया बेस ईयर आने के साथ पूरी गणना प्रणाली रीसेट हो जाएगी।
सरकार का मास्टरप्लान
सरकार का मास्टरप्लान यह हो सकता है कि 1 जनवरी 2026 से पहले तक जमा DA में से केवल 50 प्रतिशत बेसिक में जोड़ा जाए मर्ज होते ही DA फिर से शून्य प्रतिशत से शुरू हो जाएगा और नया बेस ईयर 2026 तय किया जाएगा ताकि महंगाई की नई दरें उसी के अनुसार गिनी जा सकें इससे सरकार का वित्तीय बोझ नियंत्रित रहेगा जबकि कर्मचारियों की सैलरी में भी उचित वृद्धि दिखेगी।
कर्मचारियों को क्या ध्यान रखना चाहिए
कर्मचारियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पूरा DA मर्ज होगा या नहीं इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन 50 प्रतिशत मर्ज की संभावना मजबूत है बेस ईयर बदलने के साथ DA की गिनती नए सिरे से शुरू होगी शुरुआती सैलरी थोड़ी कम बढ़ेगी लेकिन भविष्य के DA बढ़ोतरी नई बेसिक पर होगी जिससे दीर्घकाल में फायदा मिलेगा आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट मार्च 2027 तक आने की उम्मीद है पर इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की संभावना बनी रहेगी। सरकार के लिए यह संतुलन का मामला है कर्मचारियों को राहत भी मिले और बजट पर अतिरिक्त बोझ भी न पड़े इसलिए पूरा 61 प्रतिशत नहीं बल्कि केवल 50 प्रतिशत DA मर्ज करने का रास्ता चुना जा सकता है।